8 अप्रैल 2025 ( सीमांत की आवाज ) जनपद उधम सिंह नगर के खटीमा में नगर पालिका घोटाले का मामला आया सामने
नगर पालिका खटीमा में होने लगे घोटाले
एक तरफ तो नव निर्वाचित अध्यक्ष द्वारा शहर भर में जनता को यह संदेश दिया जा रहा है कि मैं नगर पालिका खटीमा में किसी प्रकार का कोई भी घोटाला नहीं होने दूंगा दूसरी तरफ मिली सूत्रों से खबर में शासन के नियमों को ताख पर रखा जा रहा है इसलिए कई वर्षों से नगर पालिका के समस्त ठेके अपने चहते ठेकेदारों को दिए जा रहे हैं और उसकी समय अवधि बिना किसी समाचार पत्र में प्रकाशित कर बढ़ा दी जाती है सिर्फ और सिर्फ ठेकेदार और स्वयं को लाभ पहुंचाया जा रहा है वर्ष 2021 मैं किया गया ठेका डोर टू डोर लगभग 22 लाख से अधिक का होता है जिसका भुगतान नगर पालिका ठेकेदार को करती है नियम व शर्तों में यह है कि ठेकेदार द्वारा डॉट टू डोर यूजर चार्ज की वसूली भी करनी होगी यूजर चार्ज की वसूली तो ठेकेदार द्वारा की जाती है लेकिन उसकी रकम नगर पालिका खटीमा में वसूली कम दिखाकर जमा किया जाता है बाकी वसूली का कोई रिकॉर्ड नहीं है क्या सिर्फ खटीमा क्षेत्र में कम ही वसूला जाता है जब कम वसूली होती है तो ज्यादा रकम से अधिक का ठेका किस आधार पर दिया जाता है इसी तरह से तहबाजारी शुल्क वसूली का भी ठेका अपने चहते ठेकेदारों को दिया जा रहा है यह भी 2021 से एक ही ठेकेदार द्वारा वसूला जा रहा है होर्डिंग प्रचार प्रसार का ठेका भी अपने चहते ठेकेदारों को दिया जा रहा है आउटसोर्स कर्मचारियों का ठेका बिना किसी शासन की अनुमति लिए बगैर ही बढ़ा दिया जाता है जबकि शासन की अनुमति लेनी चाहिए अधिशासी अधिकारी/ अध्यक्ष नगर पालिका खटीमा की मिली भगत से समस्त ठेकों को बढ़ा दिया जाता है जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र को बनवाने के लिए जनता को एक माह से परेशान किया जा रहा है प्रत्येक जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र को बनाने का शुल्क₹100 रुपया₹200 रुपया₹500 रुपया लिया जा रहा है जिस पर अधिशासी अधिकारी/अध्यक्ष महोदय का ध्यान नहीं है ना ही जन्म मृत्यु फीस किस प्रकार देनी है इसको पटल संबंधित काउंटर के बाहर चस्पा नहीं किया गया है आखिरकार यह कर्मचारी किसकी सह पर काम कर रहे हैं आउटसोर्स कर्मचारी से जन्म मृत्यु और कंप्यूटर ऑपरेटर के कार्य किए जा रहे हैं परमानेंट बाबू दिन भर जेब में हाथ डालकर घूमते रहते हैं जबकि यह कार्य अत्यधिक इंपॉर्टेंट है आखिरकार कब होगा खत्म नगर पालिका खटीमा से भ्रष्टाचार आउटसोर्स एवं डोर टू डोर के ठेकेदार द्वारा प्रत्येक माह वहां बैठे कर्मचारियों को मोटी रिश्वत दी जाती है
जिसके एवज में कर्मचारी डोर टू डोर यूजर वेतन बल पर प्रत्येक माह रिपोर्ट लगा देते हैं जबकि वहां बैठे आउटसोर्स के माध्यम से ही शासन द्वारा स्वीकृत चार कर्मचारियों का वेतन सात सात महीने नहीं दिया जाता है अभी भी फरवरी 2024 मार्च 2024 का वेतन नहीं दिया गया है ना ही ठेकेदार द्वारा सही समय पर इपीएफ जमा किया जाता है।