सीमान्त की आवाज़
नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट
नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट उत्तराखंड की सबसे हॉट सीटों में से एक है. ये सीट ऐतिहासिक और राजनीतिक दोनों ही दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है. नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट उत्तराखंड के दो जिलों नैनीताल और उधम सिंह नगर से मिलकर बनी है. इस सीट की खास बात ये है कि इसमें उधम सिंह नगर के साथ ही नैनीताल का भी एक बड़ा हिस्सा शामिल होता है. राजनीति में पिछले काफी से इस सीट की मांग को देखते हुए साल 1995 में नैनीताल के तराई वाले हिस्से को अगलकर उधम सिंह जिला बनाया गया था.
नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट उत्तराखंड के कुमाऊ मंडल में आती है. इस लोकसभा सीट में कुल 15 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें नैनीताल की 6 विधानसभा सीटें और उधमसिंह नगर की 9 विधानसभा सीटें शामिल हैं. इस सीट की खास बात ये है कि यहां तराई इलाके की 13 विधानसभा सीटों के मतदाता भी लोकसभा में अपनी किस्मत आजमां रहे प्रत्याशियों का भविष्य तय करते हैं. साल 2009 में पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर जीत हासिल की. इस सीट के गठन के बाद से ही इस पर राजनीतिक दलों के बीच एक कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली है, जिसमें कांग्रेस और भाजपा प्रमुख हैं.
2019 में बीजेपी ने अजय भट्ट को नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट से टिकट दिया. इस चुनाव में बीजेपी नेता अजय भट्ट ने कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत को भारी मतों से शिकस्त दी. इस चुनाव में अजय भट्ट को 7 लाख 72 हजार 195 वोट हासिल हुए जबकि हरीश राव के खाते में 4 लाख 33 हजार 99 वोट ही गए. नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर लगभग 19 लाख वोटर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते हैं. इस क्षेत्र में ग्रामीण आबादी 63.11 फीसदी है. जबकि शहरी आबादी 36.89 फीसदी के करीब है.
नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट के अंतर्गत ही देश की जानी-मानी गोविंद बल्लभ एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी मौजूद है. इसके साथ ही कुमाऊं क्षेत्र में आने वाला पंतनगर का हवाई अड्डा सबसे अहम एयरपोर्ट है. विश्व प्रसिद्ध नैनीताल को पर्यटक स्थल के लिहाज से भी काफी अहम माना जाता है. औद्योगिक क्षेत्र के रूप में अपनी अलग पहचान बना चुके काशीपुर, रुद्रपुर और सितारगंज भी उधमसिंह नगर जिले में ही शामिल हैं. यहां पर एक हजार से अधिक औद्योगिक इकाई लगी हुई हैं