उत्तराखंड उत्तरप्रदेश परिसंम्पत्ति बटवारा न होने से सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश की नहरों नदियों के किनारे बसे उत्तराखंड के खटीमा के गांव पर खतरा मंडरा रहा है ग्राम गोसिकुआ के किनारे शारदा नहर सिंचाई विभाग की नदी से सफाई के नाम पर रात दिन सिल्ट निकाल नियमो का उल्लंघन कर कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है जिस पर दोनों ही प्रदेशो का प्रशासान कुम्भकर्णीय नींद सोया है। गांव से लालकोठी वाली नहर में दोनों तरफ नहर के बैंकों के किनारे मशीन द्वारा मानकों से ऊपर नहर को खोद मिट्टी सिल्ट निकालने काम बदस्तूर जारी है जिससे आने वाले समय मे गांव की फसल के साथ साथ बांध टूटने पर गांव भी आने वाली बरसातों में जलमग्न हो जाएंगे ।
आपको बताते चले कि चम्पावत जनपद के बनबसा में भारत नेपाल सीमा को जोड़ने वाले सूखा बंदरगाह के निर्माण में उत्तरप्रदेश आगरा की कंपनी रिद्धि सिद्धि द्वारा खटीमा से गुजरने वाली नदियों व सुखी नहरों से मिट्टी सिल्ट निकाली जा रही है इसका आदेश बरेली मंडल से सिंचाई विभाग द्वारा रॉयल्टी जमा कर आदेश लाकर नियमो का उल्लंघन कर मिट्टी सिल्ट निकाली जा रही है ग्रामीणों को कानून व नियम का पता न होने के कारण ग्रामीण चुप चाप यह नजारा अपनी खुली आँखों से देख कुछ कह पाने में असहमत है।
मिट्टी का खनन वायु, पानी, और भूमि के प्रदूषण को बढ़ा सकता है, और इससे प्राकृतिक संतुलन पर भी असर पड़ सकता है। इसके साथ ही, खनन कार्यों में कई बार मानवीय और पर्यावरणीय समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं, जैसे कि जीवनीय विविधता की हानि, भूमि का उपयोग, और प्राकृतिक संसाधनों की हानि। इसलिए, सावधानीपूर्वक और सामर्थ्यपूर्ण तरीके से मिट्टी के खनन का प्रबंधन किया जाना चाहिए।