लोकसभा चुनाव 2024 की अधिसूचना जारी होते ही चुनाव आयोग का मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट यानी आदर्श आचार संहिता लागू हो गया है. इसके तहत देशभर में अभियान चलाकर सियासी दलों के होर्डिंग, बैनर, पोस्टर उतारे जाएंगे. यही नहीं, सरकारी योजनाओं के होर्डिंग भी उतार दिए जाएंगे. आचार संहिता उल्लंघन की जानकारी सीधे चुनाव आयोग को की जा सकती है. आयोग तेज रफ्तार से इस पर कार्रवाई करेगा। लेकिन प्रदेश में सरकारी संपत्ति परिवहन विभाग की बसों में राजनीतिक पार्टियों की फ़ोटो योजना को अभी तक नही हटाया गया है ऐसे में प्रशासान कई हीलाहवाली साफ देखने को मिल रही है निर्वाचन आयोग के आदेशों की अवेहलना जगह जगह स्थानीय प्रशासान क्यों कर रहा है यह तो नही मालूम लेकिन ऐसे में निर्वाचन आयोग इस गलती या अनदेखी पर क्या कार्यवाही करता है इसका इंतजार जरूर रहेगा।
अचार सहिंता पर राजनीतिक पार्टियों के विज्ञापनों को हटाने का निर्णय सामाजिक या कानूनी संगठनों द्वारा लिया जाता है। यह निर्णय संविधान, कानून, और स्थानीय नियमों के आधार पर किया जाता है। कुछ मामलों में, ऐसे विज्ञापनों को नियामक संगठनों द्वारा निर्देशित किया जा सकता है ताकि अचार सहिंता की दिशा में कदम उठाया जा सके।
