29 मई 2024 ( सीमान्त की आवाज़) राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड समग्र शिक्षा की अध्यक्षता में वर्चुअल स्टूडियो के माध्यम से समर कैम्प के द्वितीय दिवस के सत्र प्रारम्भ किया गया। द्वितीय दिवस पर दो सत्रों का आयोजन किया गया।
प्रथम सत्र में योगाचार्य श्री सुशील भट्ट जी द्वारा योग की विविध कियाओं के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी। योगाचार्य जी द्वारा प्राणायाम एवं योग के आसनों की विधियाँ भी छात्रों के साथ साझा करते हुए छात्र/छात्राओं को सम्बन्धित अभ्यास भी करवाये गये। श्री भट्ट जी के द्वारा छात्र/छात्राओं की योग सम्बन्धी विभिन्न जिज्ञासाओं का समाधान किया गया तथा मानव जीवन में योग के महत्व पर भी विस्तार पूर्वक ज्ञान दिया गया। उनके द्वारा शुगर, बी०पी० एवं थाइराइड के उपचारात्मक आसनों का भी अभ्यास कराया गया। छात्र/छात्राओं से बातचीत के क्रम में वे इस प्रकिया के बाद सहज तथा उत्साहित प्रतीत हुये।
द्वितीय सत्र का प्रारम्भ गढ़वाल जौनसार की सुप्रसिद्ध एवं लोकप्रिय गायिका श्रीमती रेशमा शाह द्वारा किया गया। श्रीमती रेशमा जी को उनके गढ़वाली, जौनसारी गायन में योगदान हेतु भारत सरकार द्वारा उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पुरूस्कार द्वारा सम्मानित किया गया है। श्रीमती रेशमा जी द्वारा जौनसारी वेशभूषा एवं आभूषण धारण किये गये थे, जिसकी विस्तार से जानकारी उनके द्वारा छात्र/छात्राओं को दी गयी। साथ ही उनके द्वारा लोकप्रिय जौनसारी गीत महासू देवता, निन्दु मामा, सड़की सैराना तथा गढ़वाली एवं कुमाऊनी गीतों की प्रस्तुति की गयी। छात्र/छात्राओं के अनुरोध पर लोकप्रिय गीत “ले भूजी जाला ले चूड़ा” का भी गायन किया गया। प्रस्तुतीकरण के दौरान सभी छात्र/छात्राएं उत्साहित होकर जमकर थिरकते हुए एवं प्रसन्न दिखाई दिये। अपने जीवनी के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए उन्होंने छात्र/छात्राओं को किसी भी दशा में हताश न होने की सीख दी।