


टनकपुर से नौ किलोमीटर दूर बाटनागाड़ नाले में आए भारी मलबे के कारण बृहस्पतिवार देर रात तीन बजे मां पूर्णागिरि धाम मार्ग पर यातायात बाधित हो गया। लोनिवि ने दो मशीनों के जरिये मलवा हटाने का कार्य शुरू किया, जो काफी लंबा चला। सड़क बंद होने के चलते बृहस्पतिवार को दर्शन करने के बाद 700 से अधिक श्रद्धालुओं को रातभर पूर्णागिरि धाम में ही रुकना पड़ा। वापस टनकपुर आने के लिए शुक्रवार सुबह श्रद्धालुओ को भारी मशक्कत करनी पड़ी। काफी श्रद्धालुओं ने जंगल के मार्ग से पैदल रास्ता पार किया जबकि निजी वाहनों से आने वाले श्रद्धालुओं की दो कार पूर्णागिरि मार्ग पर मलबे में फंस गईं। एसडीएम सुंदर सिंह ने बताया कि बाटनागाड़ में आए मलबे को हटाने के लिए मशीनों के साथ लोनिवि के जेई को लगाया गया। मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी सहित कई पुजारियों ने मौका मुआयना कर मलबे को जल्द हटाने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।
लगातार हो रही बारिश से नदी नाले उफान पर आने के चलते एसडीएम ने लोनिवि के सहायक अभियंता व तहसीलदार की आख्या के बाद ककरालीगेट से पूर्णागिरि मंदिर क्षेत्र के भैरव तक रात्रि आठ बजे से सुबह छह बजे तक यातायात को प्रतिबंधित कर दिया है।
14 घंटे तक अंधेरे में रहा पूर्णागिरि धाम
बारिश और मौसम की खराबी से पूर्णागिरि धाम में रात भर अंधेरा रहा। हालांकि मंदिर समिति और व्यापारियों ने भैरव मंदिर से मुख्य मंदिर तक जनरेटर के जरिये वैकल्पिक आपूर्ति की। बृहस्पतिवार रात नौ बजे गुल हुई बिजली करीब 14 घंटे बाद बहाल हुई। ऊर्जा निगम के ईई उमाकांत चतुर्वेदी ने बताया कि बारिश और अंधड़ से लाइन पर पेड़ गिरने और तकनीकी खामी आने से बिजली आपूर्ति बाधित रही जिसे शुक्रवार सुबह 11 बजे सुचारु कर दिया गया था।