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बिग न्यूज़ :-देवीधुरा बग्वाल चार ख़ामो के योद्धा खेलेंगे बग्वाल

19 अगस्त 2024 ( सीमान्त की आवाज़ ) उत्तरखंड जनपद चम्पावत माँ बाराही धाम देवीधुरा में सुप्रसिद्ध बग्वाल मेले में सीएम सहित करेंगे शिरकत।

चंपावत/देवीधुरा। मां वाराही धाम देवीधुरा के खोलीखांड दुबाचौड़ में आषाड़ी कौतिक के दिन 19 अगस्त को बगवाल होगी। बगवाल फल-फूलों से खेली जाएगी। 4 खाम (चम्याल, गहड़वाल, लमगडिय़ा और वालिग) के अलावा 7 थोक के योद्धा बगवाल में शिरकत करेंगे। बगवाल के लिए योद्धाओं के फरें तैयार है। बगवाल शुभ मुहूर्त के अनुसार अपरान्ह डेढ़ बजे बाद शुरू होगी। इस वक्त बारिश हो रही है। ऐसे में मौसम को लेकर असमंजस होने से हेलीकॉप्टर के लैंड होने को लेकर भी दुविधा हो सकती है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार तीसरी बार बगवाल में मुख्य अतिथि होंगे। लोहाघाट के विधायक खुशाल सिंह अधिकारी, जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय, पाटी की ब्लॉक प्रमुख सुमनलता सहित कई प्रमुख लोग मौजूद रहेंगे। डीएम नवनीत पांडे और एसपी अजय गणपति ने बताया कि बगवाल की सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। शांति बनाए रखने के लिए पुलिस की पुख्ता व्यवस्था के अलावा सीसीटीवी से भी नजर रखी जाएगी। मेला मजिस्ट्रेट रिंकू बिष्ट और मेलाधिकारी जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी का अतिरिक्त दायित्व संभाल रहे मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए हैं।

सीएमओ डॉ. देवेश चौहान ने बताया कि बगवाल में चोटिल होने वाले योद्धाओं के तुरंत इलाज के लिए चिकित्सा शिविर लगाया गया है। बगवाल के दिन आज

सोमवार को देवीधुरा और पाटी की शराब की दुकानें बंद रहेगी। जिला आबकारी अधिकारी तपन कुमार पांडेय ने बताया कि देवीधुरा और पाटी की शराब की दुकानों को सील किया गया है। बगवाली वीर खास रंग के साफे पहनेंगे। गहड़वाल खाम के योद्धा केसरिया, चम्याल खाम के योद्धा गुलाबी, वालिग के सफेद और लमगडिया खाम के योद्धा पीले रंग के साफे पहनकर

बगवाल में शिरकत करेंगे।

 

बगवाल है नरबलि का विकल्पः

चंपावत/देवीधुरा। क्षेत्र में रहने वाले चार प्रमुख खाम चम्याल, वालिग, गहड़वाल और लमगडिय़ा खाम के लोग पूर्णिमा के दिन पूजा अर्चना कर एक दूसरे को बगवाल का निमंत्रण देते हैं। पूर्व में यहां नरबलि दिए जाने का रिवाज था, लेकिन जब चम्याल खाम की एक वृद्धा के इकलौते पौत्र की बलि की बारी आई तो, वंशनाश के डर से उसने मां बाराही की तपस्या की। देवी मां के प्रसन्न

होने पर वृद्धा की सलाह पर चारों खामों के मुखियाओं ने आपस में युद्ध कर एक मानव बलि के बराबर रक्त बहाकर कर पूजा करने की बात स्वीकार ली। तभी से बगवाल अनवरत जारी है।

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