2 जुलाई 2024 ( सीमान्त की आवाज़ )
नाबार्ड की आरआईडीएफ (ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि) से जिले में करोड़ों रुपए की लागत से तैयार होंगी विभिन्न परियोजनाएं, इस हेतु सभी विभागों को 15 जुलाई तक प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश जिला अधिकारी नवनीत पांडे द्वारा दिए गए हैं*।
मंगलवार को जिला कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी द्वारा जिले में नाबार्ड की ग्रामीण अवसंरचना निधि RIDF से जिले में वर्तमान में संचालित योजनाओं की समीक्षा की गई। इस दौरान जिलाधिकारी ने वर्तमान में जिले में लगभग 160 करोड रुपए की लागत से संचालित कुल 48 परियोजनाओं की विभागवार समीक्षा की। इस दौरान अवगत कराया गया की 48 परियोजनाओं में से 24 परियोजनाओं में कार्य पूर्ण हो गया है। जिसमें लोक निर्माण विभाग द्वारा 16 परियोजनाएं, जिनमें मोटर पुलों का निर्माण होना था, उसमें से एक पुल टनकपुर थवालखेड़ा में लगभग 80 फ़ीसदी कार्य पूर्ण हो गया है,के अतिरिक्त अन्य सभी 15 कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है।
इसी प्रकार दुग्ध विकास में लगभग 7 करोड रुपए की लागत से विभिन्न कार्य जिसमें दस हजार लीटर क्षमता के चिलिंग प्लांट की क्षमता दुगनी करनी सहित अन्य कार्य है, उक्त परियोजना में काफी धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए विभाग को चेतावनी दी कि वह कार्यों में तेजी लाएं। इसी प्रकार सिंचाई विभाग में कोलीढेक जलाशय निर्माण सहित कुल 8 परियोजना में कार्य होना था जिसमें से सभी में कार्य लगभग पूर्ण हो गया है। इसके अतिरिक्त पशुपालन में 5 करोड़ की दो परियोजनाएं, उद्यान विभाग में 18 करोड़ की लागत से 1066 पॉलीहाउस कास्तकारों को उपलब्ध कराना, लघु सिंचाई की 10 करोड़ की लागत की 11 परियोजनाओं, तकनीकी शिक्षा की लगभग 5 करोड़ की तीन परियोजनाओं व ग्रामीण निर्माण विभाग की 9 करोड़ की छह परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन परियोजनाओं के अंतर्गत कार्य पूर्ण हो गया है वह शीघ्र ही उपभोग प्रमाण पत्र नाबार्ड को उपलब्ध कराएं ताकि अवशेष धनराशि उपलब्ध हो सके।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद चंपावत को एक आदर्श जनपद बनाए जाने में नाबार्ड के आरआईडीएफ अंतर्गत बेहतर से बेहतर प्रस्ताव तैयार कर, प्रत्येक दशा में 15 जुलाई तक उपलब्ध कराएं जिन्हें समीक्षा के बाद शासन को भेजा जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि विभाग नाबार्ड सहायतित परियोजनाओं में जिले से अधिक से अधिक प्रस्ताव भेजें। जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क, अवस्थापना, विकास, ग्रामीण विकास, कृषि, औद्यानिकी, पशुपालन व मत्स्य पालन को फोकस किया जाए। स्वरोजगार परख योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए ताकि जिले से पलायन को रोका जा सके।
इस संबंध में जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर शीघ्र ही प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड राकेश कन्याल ने अवगत कराया की कोई भी विभाग अपने विभाग के अंतर्गत अभिनव प्रयास के तहत पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत भी प्रस्ताव तैयार कर भेज सकते हैं।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह, जिला विकास अधिकारी दिनेश सिंह दिगारी, लीड बैंक अधिकारी अमर सिंह ग्वाल सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी व अन्य उपस्थित रहे।