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Locals pays tribute to trees photos which were cut down – News18 हिंदी

हिना आज़मी/देहरादून. उत्तराखंड की दून वैली की खूबसूरती इसकी वादियों से ही है और पेड़ पौधे इन वादियों की धरोहर हैं. एक ओर देहरादून को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर राजधानी के हरे-भरे पेड़ों को काटा भी जा रहा है. अब तक देहरादून के पर्यावरण प्रेमी पेड़ पौधों को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे लेकिन अब जबकि कई इलाकों में ऐसा देखा गया है कि जिन पेड़ों को अपने बच्चों की तरह पाल-पोसकर स्थानीय लोगों ने बड़ा किया था, उन्हें सौंदर्यीकरण के नाम पर काटा जा रहा है. ऐसे में अब देहरादून के लोग पेड़ों को बचाने के लिए आगे आ रहे हैं और उनसे भावनात्मक रूप से जुड़े होने के कारण काटे गए पेड़ों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. देहरादून के चकराता रोड पर कई ऐसे पेड़ काटे गए हैं, जो काफी पुराने और हरे-भरे थे.

देहरादून की जनता इसका विरोध कर रही है और इसी के साथ पेड़ों को श्रद्धांजलि भी दे रही है. जिस तरह किसी व्यक्ति की मौत होने पर उसकी फोटो पर फूलों की माला चढ़ाई जाती है, उसी तरह पेड़ों की फोटो पर भी हार चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है. देहरादून वासी पेड़ों को ना काटने की मांग कर रहे हैं.

पर्यावरण प्रेमी हिमांशु अरोड़ा ने कहा कि लगातार देहरादून में स्मार्ट सिटी के नाम पर पेड़ काटे जा रहे हैं. पहले सहस्त्रधारा रोड पर कई पेड़ काट दिए गए और अब लगातार ऐसे ही हर इलाके से हरे भरे पेड़ उजाड़े जा रहे हैं. हाल ही में चकराता रोड पर करीब 16 पुराने पेड़ उखाड़े गए हैं. उन्होंने जब पूछताछ की तो जानकारी मिली कि इन्हें ट्रांसप्लांट किया जाएगा. वहीं हिमांशु अरोड़ा ने आरोप लगाया है कि इतनी गर्मी में बिना सीजन के पेड़ों को ट्रांसप्लांट नहीं किया जा सकता है. इसके लिए कम से कम 24 घंटे का वक्त चाहिए होता है और पूरी प्रोसेस होती है. सिर्फ आम जनता को गुमराह किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अपने द्वारा लगाए गए पेड़ों की ऐसी स्थिति देखकर स्थानीय लोग बहुत दुखी थे. इसीलिए ‘सिटीजंस ऑफ ग्रीन दून’ की टीम स्थानीय लोगों के साथ मिलकर इन पेड़ों को श्रद्धांजलि दे रही है.

देहरादून निवासी मनीष कुमार विरमानी का कहना है कि हमने इन पेड़ों को लगाया था. हम अपने हाथ से इन्हें पानी देते आए और बच्चों की तरह पाला, लेकिन रात के अंधेरे में इन्हें काट दिया जाता है. देहरादून को सिर्फ उजाड़ ही बनाया जा रहा है.

Tags: Dehradun news, Environment news, Uttarakhand news

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