गोपाल कृष्ण पौराणिक ने राष्ट्रीयता , स्वावलंबन और शिक्षा के प्रसार को अपनी पत्रकारिता का दुनिया के समक्ष बिरला उदाहरण पेश किया

यह बात बीते रविवार को पंडित गोपाल कृष्ण पौराणिक शोध संस्थान द्वारा शिवपुरी लिंक रोड पर उनकी जन्मजयंती पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा और संगोष्ठी में वक्ताओं ने कही।
प्रतिमा पर हुई पुष्पांजलि
कार्यक्रम का प्रारम्भ पुष्पांजलि के साथ हुआ। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्यभारत प्रांत के प्रमुख यशवंत इंदापुरकर और लक्ष्मीबाई समाधि के समीप स्थित प्रमुख शाला मठ के महंत सहित विभिन्न अतिथियो और शोध संस्थान से जुड़े लोगों ने पौराणिक जी की प्रतिमा पर पुष्पाहार चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की ।
शास्त्रीय संगीत का भी आयोजन हुआ
इसके बाद यहां एक संगीत सभा का आयोजन किया गया। इसमें ग्वालियर घराने के प्रख्यात गायक यश देवले का शास्त्रीय गायन हुआ । उन्होंने विनय बिंदे के तबला और भारत नायक के सितार और हारमोनियम की जुगलबंदी में भजनों और विभिन्न रागों में शानदार प्रस्तुति दी। उन्होंने भीषण उमस के बीच राग मल्हार भी गाया और थोड़ी ही देर में वहां रिमझिम फुहारें पड़ने लगी।
संगोष्ठी का आयोजन
इसके बाद यहां स्वाभिमान, स्वावलंबन और स्वतंत्रता विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता शोध संस्थान के मुखिया और आबकारी विभाग में सहायक आयुक्त संदीप शर्मा ने की। मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार और लेखक प्रमोद भार्गव और वरिष्ठ पत्रकार और ग्रामीण पत्रकारिता विकास संस्थान के अध्यक्ष देव श्रीमाली थे। कार्यक्रम का प्रभावी संचालन आईटीएम विवि के पत्रकारिता विभाग के आचार्य जयंत तोमर ने किया। इस मौके पर देव श्रीमाली ने स्व पौराणिक जी के जींवन को लेकर प्रख्यात पत्रकार डॉ राम विद्रोही द्वारा अपनी पुस्तक नई सुबह में लिखे शोध लेख का वाचन किया। श्री भार्गव ने मुख्य विषय पर उनके कार्यों का विस्तार से उल्लेख करते हुए आज इनकी फिर शुरुआत करने की महती आवश्यकता बताई। संदीप शर्मा ने शोध संस्थान की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्होंने पंडित जी द्वारा स्वतंत्रता पूर्व प्रकाशित मासिक पत्रिका रूरल इंडिया के अनेक अंक दुनिया भर से खोजकर संग्रहित किये बल्कि उनका पुनर्प्रकाशन भी किया है।