उधम सिंह नगर जनपद तहसील खटीमा नगर में सन 1975 में खोखा,ठेला समिति का आंदोलन हुआ था जो महीनों चला उसके उपरांत आंदोलित समिति की गुहार पर उनको व्यापार करने के लिए राजस्व विभाग के आला अधिकारियों ने लोकनिर्माण विभाग पीलीभीत रोड से लेकर आश्रम पद्धति स्कूल यानी कि टनकपुर रोड तक लगभग 80 से 85 लोगो को लाटरी सिस्टम से राजस्व विभाग से 10×12 के हिसाब से सरकारी जमीन को 30 साल के लिए लोगो नियम अनुसार आवंटित कर दिया गया। लाभांवित लोगो मे कुछ पात्र थे तो कुछ अपात्र थे जिनका चिन्हीकरण आजतक नही हो पाया व्यापार करने को लेकर विभाग द्वारा आवंटित सरकारी जगह का नियम है कि लीजधारक अपनी जगह को न तो किसी को किराए पर दे सकता है और न ही उसको बेच सकता है लेकिन वर्तमान न तो नियम देख रहा है और न ही क़ानून जिसको जो अच्छा लग रहा है वो विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से आवंटित सरकारी जमीनों को करोड़ो रुपयों में बेच सरकार को भारी चुना लगा रहा है।
वर्तमान स्थिति में ताजा मामला सब्ज़ी मंडी के सामने एक सरकारी लीज की जगह जिसको नगर के व्यापारी ने उसको ओने पौने दामो खरीद लिया लेकिन उस आवंटित सरकारी जगह को एक करोड़ 70 लाख में नगर के कपड़ा व्यापारी को बिक्री एक स्टाम्प पर कर दिया है नगर के कपड़ा व्यापारी ने राजस्व विभाग की मिलीभगत से उसी के बगल में कुछ माह पूर्व तीन करोड़ में खरीद व्यवसाय भी शुरू कर दिया नियमो को ताक पर रख स्थानीय राजस्व कर्मचारी की मिलीभगत से सरकार को भारी चुना लगाने का कार्य प्रगति पर है खरीदी गई लीजधारक की आवंटित सरकारी जगह को बड़ी आसानी से जनपद तक रिश्वत देकर अपने नाम पर करवाने का कार्य बखूबी फल फूल रहा है।
खटीमा उपजिलाधिकारी द्वारा हाईकोर्ट के अतिक्रमण हटाने के आदेश पर पूर्व में महीनों राजस्व कर्मियों से अतिक्रमण हटाने का चिन्हीकरण कार्य किया जिसमें काफी रुपये व समय सरकार का खर्च हुआ था लेकिन उसमें भी राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से अतिक्रमण को हटाने की बजाय करोड़ो रूपये बचाने में कमाकर खटीमा तहसील से स्थानांतरण कर भी करवा लिया गया जमा मस्जिद के सामने दर्जनों दुकानों की लीज को पूर्व में राजस्व अधिकारियों ने गलत तरीके से कर दिया था जिसको हटाने के आदेश हाईकोर्ट से हुए लेकिन उच्च न्यायालय को गुमराह कर अधिकारी कर्मचारियों उसको कुछ तोड़कर फिर प्रशासान की मिलीभगत से निर्माण करवा लिया गया।
खटीमा नगर में नियमो की अनदेखी कर और प्रशासान कि मिलीभगत के चलते करोड़ो रूपये का चूना लगाया जा चुका है जो आज भी बदस्तूर जारी है।