भारत के हिस्सों में आज गुरुवार 11 अप्रैल को ईद उल फितर का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है जम्मू कश्मीर और लद्दाख को छोड़कर देश भर में बुधवार की शाम शव्वाल का चांद नजर आया, जिसके बाद आज रमजान ईद मनाई जा रही है बता दें ईद उल फितर को ही रमजान ईद या मीठी ईद कहा जाता है। दरअसल इस्लामिक कलेंडर के अनुसार नोवे महीने यानी माह ए रमजान में अल्लाह के नाम के रोजे रखे जाते है ये रोजे 29 या 30 दिनों के होते है।आखरी रोजे की इफ्तारी के बाद चांद का दीदार किया जाता है और इसके बाद 10वें महीने शव्वाल की पहली तारीख को रमजान ईद मनाई जाती है।
जम्मू कश्मीर और लद्दाख में एक दिन पहले ही शव्वाल का चांद नजर आ गया था जिसके चलते वँहा 10 अप्रैल को ईद मनाई गई इसके अलावा केरल में भी बीते दिन ईद मनाई जा चुकी है।इससे अलग भारत के बाकी हिस्सों में यानी आज गुरुवार को धूमधाम से त्योहार मनाया जा रहा है।
बता दें कि ईद के मुबारक मौके पर सबसे पहले नमाज अदा की जाती है।इसके बाद दुनिया भर में अमन और शांति बनाये रखने की कामना करते हुए खस्स दुआ पढ़ी जाती है । खटीमा की जमामस्जिद में क्षेत्र के अलग हिस्सों से आकर मुस्लिम भाइयों ने नमाज अदा की और इसके बाद एक दूसरे को गले लगाकर रमजानी ईद की ढेरों बधाईयां दी वंही मीठी ईद पर नमाज पढ़ने के बाद कुछ मीठा खाने का रिवाज भी है ऐसे में इस खास त्योहार पर घर घर खीर और सेवइयां बनती है लोग एक दूसरे के घर जाते है गले मिलकर ईद की बधाई देते है और एक दूसरे का मुंह मीठा कराते है।
क्यों मनाया जाता है ईद उल फितर का त्योहार???
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,रमजान के पाक महीने के बाद ही पहली बार कुरान आयी थी । इसके अलावा माना जाता है कि 624 ईशवी में पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हांसिल की थी । तब अपनी सफलता की खुशी में उन्होंने लोगो का मुंह मीठा कराया था और पहली बार पैगम्बर मुहम्मद ने ही ईद मनाई थी।
खटीमा क्षेत्र में ईद की बधाइयों का लगा रहा तांता
खटीमा जमा मस्जिद,नूरी मस्जिद,भूड़ मस्जिद में हजारों मुस्लिम समुदाये के लोगो ने नमाज अदा की इस मौके पर सभासद रसीद अंसारी,डॉ आरिफ खान असद जावेद,तारिक मलिक, चांद सैय्यद, वसीम,महताब रजा,शादाब, शानू खान,कामिल खान,रियाज अहमद,फिरोज,नईम रिजवी,अकील अहमद,दानिश, समेत क्षेत्र के सभी समुदाये के लोगो ने ईद की बधाई दी।