Home » राष्ट्रीय » बिग न्यूज :- खटीमा नगर पालिका के वाटर कूलर: लाखों की बर्बादी, बदहाली की तस्वीर

बिग न्यूज :- खटीमा नगर पालिका के वाटर कूलर: लाखों की बर्बादी, बदहाली की तस्वीर

7 जून 2025 ( सीमांत की आवाज ) सुरेन्द्र गुप्ता की खास रिपोर्ट

खटीमा नगर पालिका के वाटर कूलर: लाखों की बर्बादी, बदहाली की तस्वीर खटीमा,

उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले का एक प्रमुख नगर, जो अपनी तराई की खूबसूरती और व्यापारिक महत्व के लिए जाना जाता है, आजकल एक गंभीर समस्या से जूझ रहा है। नगर पालिका द्वारा जनता को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लगाए गए वाटर कूलर बदहाली का शिकार हो चुके हैं। लाखों रुपये की लागत से स्थापित ये वाटर कूलर, जो कभी गर्मी में राहगीरों और स्थानीय लोगों के लिए राहत का साधन थे, अब खराब पड़े हैं, और इनकी दुर्दशा पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। आखिर इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है, और पालिका प्रशासन पर कार्यवाही का रास्ता क्या है? यह सवाल आज हर खटीमा वासी के मन में है।

वाटर कूलर की बदहाली:एक दुखद हकीकत

खटीमा नगर पालिका ने कुछ वर्षों पहले शहर के प्रमुख चौराहों, बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर वाटर कूलर स्थापित किए थे। इनका उद्देश्य था गर्मी के मौसम में लोगों को ठंडा और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना। लेकिन आज इनमें से अधिकांश वाटर कूलर या तो खराब पड़े हैं या पूरी तरह बंद हैं। कई जगहों पर वाटर कूलर के नल टूटे हुए हैं, पानी की टंकी गंदी है, और बिजली कनेक्शन कट चुका है। कुछ स्थानों पर तो ये मशीनें कबाड़ में तब्दील हो चुकी हैं, जिनके आसपास कचरा जमा है।

स्थानीय निवासी राकेश अग्रवाल ने बताया, “गर्मी में जब प्यास लगती है, तो वाटर कूलर की याद आती है, लेकिन ये तो बस दिखावे के लिए खड़े हैं। न पानी निकलता है, न कोई देखभाल करता है। पालिका ने लाखों रुपये खर्च किए, लेकिन अब ये कबाड़ बन गए।” इसी तरह, एक दुकानदार संदीप रोहेला ने कहा, “हमारे बाजार में वाटर कूलर महीनों से बंद है। कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

“लाखों की बर्बादी, जिम्मेदारी किसकी?

सूत्रों के अनुसार, इन वाटर कूलर की स्थापना और रखरखाव पर नगर पालिका ने लाखों रुपये खर्च किए थे। लेकिन रखरखाव के अभाव में ये मशीनें अब बेकार हो चुकी हैं। सवाल यह है कि इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बाद भी पालिका प्रशासन ने इनके रखरखाव की जिम्मेदारी क्यों नहीं ली? क्या यह जनता के पैसे की बर्बादी नहीं है?स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता हरिओम गुप्ता ने इस मुद्दे पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “नगर पालिका का काम सिर्फ टेंडर पास करना और मशीनें लगाना नहीं है। इनके नियमित रखरखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी भी उनकी है। अगर पालिका इस काम में विफल है, तो यह जनता के साथ विश्वासघात है।

“प्रशासन की लापरवाही:

कार्यवाही की जरूरतनगर पालिका प्रशासन की लापरवाही को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। कई बार शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस मामले में निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

जांच कमेटी का गठन:

जिला प्रशासन को चाहिए कि वह एक जांच कमेटी बनाए, जो वाटर कूलर की स्थापना, खर्च, और उनकी वर्तमान स्थिति की जांच करे। यह कमेटी यह भी पता लगाए कि रखरखाव के लिए जिम्मेदार अधिकारी या ठेकेदार ने अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं निभाई।जिम्मेदारों पर कार्रवाई: जांच में यदि लापरवाही या भ्रष्टाचार का मामला सामने आता है, तो दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इसमें वित्तीय दंड के साथ-साथ आपराधिक मुकदमा भी शामिल हो सकता है।

रखरखाव के लिए बजट:

पालिका को वाटर कूलर के नियमित रखरखाव के लिए एक अलग बजट आवंटित करना चाहिए। साथ ही, एक विशेष टीम गठित की जाए, जो इन मशीनों की मरम्मत और सफाई का काम समय पर करे।जनता की भागीदारी: स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों को वाटर कूलर की देखभाल में शामिल किया जा सकता है। इससे न केवल रखरखाव बेहतर होगा, बल्कि जनता का विश्वास भी बढ़ेगा।आगे का रास्ता खटीमा नगर पालिका को इस मामले में तुरंत कदम उठाने की जरूरत है। वाटर कूलर की मरम्मत और नियमित रखरखाव के लिए एक ठोस योजना बनाई जाए। साथ ही, भविष्य में इस तरह की लापरवाही से बचने के लिए पारदर्शी और जवाबदेह व्यवस्था बनानी होगी। स्वच्छ पेयजल हर नागरिक का अधिकार है, और इस अधिकार को सुनिश्चित करना नगर पालिका की प्राथमिक जिम्मेदारी है।यदि पालिका प्रशासन अब भी नहीं जागा, तो जनता को अपने हक के लिए संगठित होकर आवाज उठानी होगी। आखिर कब तक जनता के पैसे की बर्बादी और लापरवाही की यह कहानी चलती रहेगी? समय है कि खटीमा नगर पालिका अपनी जिम्मेदारी निभाए और शहरवासियों को स्वच्छ पेयजल का वादा पूरा करे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED LATEST NEWS

Latest News

बिग न्यूज :- “खटीमा SDM रविंद्र बिष्ट का सख्त रुख: ऐंठा नाले की सफाई और अतिक्रमण हटाने के लिए नगर पालिका को निर्देश”

5 जून 2025(सीमांत की आवाज) खटीमा, उत्तराखंड: पिछले वर्ष 2024 में खटीमा में आई भीषण बाढ़ ने शहर को भारी