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बिग न्यूज :- खटीमा में तहसील दिवस: महिलाओं की शिकायतें अनसुलझी, उठे सवाल

3 जून 2025 ( सीमांत की आवाज )

खटीमा में तहसील दिवस: महिलाओं की शिकायतें अनसुलझी, उठे सवाल

खटीमा ब्लॉक सभागार में माह के प्रथम मंगलवार को आयोजित तहसील दिवस में जिला मजिस्ट्रेट (D.M.) नितिन भदौरिया की अध्यक्षता में क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को सुना गया। इस मौके पर संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे। तहसील दिवस, जो एक जन शिकायत निवारण मंच के रूप में कार्य करता है, में विभिन्न ग्राम सभाओं से आए लोगों ने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए पंजीकरण कराया। कुल **91 लोगों ने अपनी शिकायतें दर्ज कीं**, जिनमें से कुछ का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। शेष मामलों के लिए D.M. ने तहसील के उप-जिलाधिकारी (S.D.M.) को नोडल अधिकारी नियुक्त कर समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।

महिलाओं की शिकायतें अनसुलझी

हालांकि, इस आयोजन में एक गंभीर चिंता सामने आई। तहसील दिवस पर अवैध गतिविधियों और मारपीट जैसी गंभीर समस्याओं को लेकर पहुंची महिलाओं ने बताया कि उनकी शिकायतों का निस्तारण नहीं किया गया। इन महिलाओं का कहना है कि S.D.M. को नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाने के बावजूद उनकी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। यह स्थिति न केवल पीड़ित महिलाओं के लिए निराशाजनक है, बल्कि तहसील दिवस जैसे मंच की प्रभावशीलता पर भी सवाल उठाती है।

तहसील दिवस का महत्व और चुनौतियां

तहसील दिवस आम नागरिकों के लिए अपनी समस्याओं को सीधे प्रशासन तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस मंच की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि दर्ज की गई शिकायतों का निस्तारण समयबद्ध और निष्पक्ष तरीके से हो। इस आयोजन में 91 पंजीकरणों की संख्या से यह स्पष्ट है कि लोग इस मंच पर भरोसा करते हैं, लेकिन महिलाओं की अनसुलझी शिकायतों ने व्यवस्था में खामियों की ओर इशारा किया है। खास तौर पर मारपीट और अवैध गतिविधियों जैसे संवेदनशील मुद्दों पर कार्रवाई में देरी चिंताजनक है।

आगे क्या?

फिलहाल, इन अनसुलझे मामलों की स्थिति पर कोई नया अपडेट उपलब्ध नहीं है। पीड़ित महिलाओं की शिकायतों को देखते हुए यह जरूरी है कि प्रशासन एक मजबूत अनुवर्ती तंत्र (follow-up mechanism) स्थापित करे ताकि तहसील दिवस पर दिए गए आश्वासनों को ठोस कार्रवाई में बदला जा सके। खासकर कमजोर वर्गों से जुड़े मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।

इस घटना ने तहसील दिवस की उपयोगिता को तो उजागर किया, लेकिन साथ ही यह भी दिखाया कि इसकी सफलता के लिए केवल शिकायतें दर्ज करना पर्याप्त नहीं है—उनका समाधान भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

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